गोबर से ब्राउन गोल्ड तक: गांव वाले कैसे चुपचाप ₹400 करोड़ के ग्लोबल बाज़ार में कूद पड़े हैं

सोचिए ज़रा।
आप हिमाचल के किसी छोटे से गांव में हैं। एक गाय के बाड़े के पास से गुज़रते हुए कोई आपसे कहे कि वहां पड़ा सूखा हुआ गोबर अंतरराष्ट्रीय बाज़ार में ₹50 प्रति किलो बिक रहा है।

यक़ीन नहीं हो रहा?
लेकिन ये हकीकत है।

जिसे हम कचरा समझकर नजरअंदाज करते हैं, वही आज “ब्राउन गोल्ड” बन चुका है।
जहां हिमाचल सरकार किसानों से ₹3 प्रति किलो के रेट पर गोबर खरीद रही है, वहीं कुछ होशियार लोग इस गोबर को विदेशों में एक्सपोर्ट करके उससे 17 गुना ज्यादा कमाई कर रहे हैं।

तो आखिर चल क्या रहा है? चलिए समझते हैं।

दुनिया को क्यों चाहिए हमारा गोबर?

ये सुनकर हैरानी होगी, लेकिन कुवैत, ओमान और यूएई जैसे अरब देश भारत से सूखा गोबर मंगा रहे हैं – वो भी भारी मात्रा में।

क्यों?

क्योंकि वहां खजूर की खेती बहुत होती है और भारत का गोबर एक शानदार जैविक खाद (ऑर्गेनिक फर्टिलाइज़र) के रूप में साबित हुआ है।

कुवैत के वैज्ञानिकों के अनुसार, भारतीय गोबर को पाउडर रूप में इस्तेमाल करने से खजूर का आकार और मिठास दोनों बढ़ जाते हैं।
यानी गोबर से उनकी फसल बेहतर, और मुनाफा ज्यादा।

₹400 करोड़ का बाज़ार – और ये तो बस शुरुआत है

  • अभी भारत से 181 एक्सपोर्टर्स गोबर को ₹50 प्रति किलो बेच रहे हैं।
  • कुल एक्सपोर्ट वैल्यू ₹400 करोड़ से ऊपर पहुंच गई है।
  • और ये कोई सरकारी योजना नहीं, बल्कि ग्रामीण उद्यमिता (rural entrepreneurship) का कमाल है।

जब ज़्यादातर लोग इसे ₹3 में बेच रहे हैं, कुछ लोग इसे ब्रांडिंग करके पैक कर के विदेशों में बेच रहे हैं।

क्या आप भी यह काम अपने गांव से कर सकते हैं? बिल्कुल कर सकते हैं।

पहला स्टेप: गोबर को प्रोसेस करें

  • गाय का गोबर अच्छे से धूप में सुखाइए।
  • फिर इसे पाउडर में बदलिए या ब्रैकेट्स (लकड़ी जैसे टुकड़े) बनाइए।

दूसरा स्टेप: पैकेजिंग करें

  • पैकिंग होनी चाहिए:
    • नमी रहित (moisture-free)
    • हवा बंद (air-tight)
  • पैकेट पर लिखिए: “Organic Indian Fertilizer”
  • कोई देसी और भरोसेमंद नाम चुनिए।

तीसरा स्टेप: IEC कोड बनवाएं

  • Import Export Code (IEC) DGFT की वेबसाइट से बनता है।
  • ज़रूरत होगी: PAN कार्ड, आधार कार्ड और बैंक डिटेल्स

चौथा स्टेप: बायर्स कहां मिलेंगे?

  • नीचे दी गई वेबसाइट्स पर विदेशी ग्राहक मिलते हैं:
    • Indiamart
    • Alibaba
    • ExportersIndia
  • यहां से आप Middle East, Singapore और USA जैसे देशों तक अपने प्रोडक्ट बेच सकते हैं।

ये सिर्फ बिज़नेस नहीं, एक चेतावनी है

ये सिर्फ एक मजेदार बिज़नेस आइडिया नहीं, बल्कि हमारी नींद तोड़ने वाला सच है।

ग्रामीण भारत के पास जो खजाना है – ज़मीन, पशु, और परंपरा, वही असली पूंजी है।
जब शहर वाले स्टार्टअप्स में भाग रहे हैं, गांव वाले अपने आंगन से करोड़ों का कारोबार कर सकते हैं – वो भी बिना किसी बड़ी मशीनरी के

अब फैसला आपका है

  • गोबर सरकार को ₹3 में बेचना है?
    या
  • खुद का नाम बनाकर, ब्रांड बनाकर, उसे विदेश में ₹50 किलो बेचकर अपना साम्राज्य बनाना है?

क्योंकि अब गोबर सिर्फ गोबर नहीं,
“ब्राउन गोल्ड” है – और पूरी दुनिया इसे खरीदना चाहती है।

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