एलन मस्क ने ट्रंप प्रशासन से नाता तोड़ा, कहा – “मैंने काफी कुछ कर लिया है”
वाशिंगटन | अपडेट: 29 मई 2025, सुबह 6:51 IST | स्रोत: AP
एलन मस्क ने अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की सरकार में अपनी विशेष सलाहकार की भूमिका से इस्तीफा दे दिया है। वे ‘सरकारी दक्षता विभाग’ (DOGE) के प्रमुख के तौर पर नौकरशाही में कटौती और सरकारी खर्च को कम करने के मिशन में लगे हुए थे।
मस्क ने 28 मई को अपने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X (पूर्व में ट्विटर) पर लिखा:
“एक विशेष सरकारी कर्मचारी के रूप में मेरी तय अवधि समाप्त हो रही है। मैं राष्ट्रपति @realDonaldTrump को धन्यवाद देता हूं कि उन्होंने मुझे बेकार खर्च को कम करने का अवसर दिया। DOGE का मिशन समय के साथ और मज़बूत होगा।”
हालांकि मस्क के इस फैसले से एक दिन पहले ही उन्होंने ट्रंप के प्रमुख विधायी एजेंडे, जिसे ट्रंप “Big Beautiful Bill” कहते हैं, की आलोचना की थी। इस विधेयक में टैक्स कटौती और आप्रवासन कानूनों को सख्त करने जैसे प्रावधान शामिल हैं। मस्क ने इसे “बड़े खर्च वाला बिल” बताया और कहा कि इससे “सरकारी खर्च में और बढ़ोतरी होगी और DOGE की मेहनत पर पानी फिर जाएगा।”
उन्होंने तंज कसते हुए कहा:
“कोई बिल या तो बड़ा हो सकता है या सुंदर, दोनों एक साथ नहीं।”
राष्ट्रपति ट्रंप ने मस्क की आलोचना के बाद ओवल ऑफिस में कहा,
“कुछ हिस्सों से मैं खुश नहीं हूं, लेकिन बाकी चीज़ों से बहुत खुश हूं।”
DOGE की कोशिशों की सराहना
प्रतिनिधि सभा (House) में बिल को पास कर लिया गया है और अब सीनेट में बहस जारी है। कुछ रिपब्लिकन सीनेटर भी मस्क की बात से सहमत हैं। विस्कॉन्सिन से सीनेटर रॉन जॉनसन ने कहा,
“मैं एलन की हताशा समझता हूं और हमें खर्च घटाने के लिए गंभीर होना पड़ेगा।”
हाउस स्पीकर माइक जॉनसन ने मस्क को धन्यवाद दिया और वादा किया कि DOGE की सिफारिशों पर कार्रवाई की जाएगी। व्हाइट हाउस ने $1.1 बिलियन की फंडिंग में कटौती (NPR और PBS से) और $8.3 बिलियन की विदेशी सहायता रद्द करने के लिए प्रस्ताव सीनेट में भेजा है।
राजनीति से पीछे हटने का ऐलान
मस्क ने यह भी कहा कि वह अब सरकार से हटकर फिर से अपनी कंपनियों – Tesla और SpaceX – पर ध्यान केंद्रित करेंगे और राजनीतिक खर्च भी कम करेंगे।
“मुझे लगता है मैंने अब तक काफी कुछ कर लिया है।”
उन्होंने एक इंटरव्यू में कहा:
“वॉशिंगटन की नौकरशाही जितनी बुरी थी, उससे कहीं ज्यादा है। कुछ बदलना बेहद मुश्किल है।”
एक समय था जब मस्क वॉशिंगटन को बदलने को लेकर बहुत उत्साहित थे। वे खुद रैलियां करते, ट्रंप की जमकर तारीफ करते और सरकार के खर्च को ‘अस्तित्व का संकट’ बताते।
“जितना मैं ट्रंप को जानता गया, उतना ही उन्हें पसंद करने लगा। मैं उन्हें पसंद ही नहीं, प्यार करता हूं,” मस्क ने फरवरी में कहा था।
राष्ट्रपति ट्रंप ने भी मस्क को “एक महान अमेरिकी” कहा और जब Tesla की बिक्री गिर रही थी, तब व्हाइट हाउस के बाहर उनकी कारें खड़ी कर समर्थन जताया।
अब जब मस्क ने सार्वजनिक रूप से ट्रंप के विधेयक की आलोचना की है, इससे उन रिपब्लिकन नेताओं को बल मिल सकता है जो और ज़्यादा खर्च कटौती चाहते हैं। सीनेटर माइक ली ने ट्वीट किया,
“सीनेट वर्जन और अधिक आक्रामक होगा – ऐसा होना चाहिए, वरना ये पास नहीं होगा।”
बिल पर विवाद जारी
हाल ही में जब प्रतिनिधि सभा में वोटिंग हुई, तो केवल दो रिपब्लिकन सांसदों – वॉरेन डेविडसन (ओहायो) और थॉमस मैसी (केंटकी) – ने बिल के खिलाफ वोट दिया। डेविडसन ने मस्क की टिप्पणी पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा:
“हमें उम्मीद है सीनेट इस ‘Big Beautiful Bill’ को सही दिशा दे पाएगा।”
कांग्रेसनल बजट ऑफिस के अनुसार, बिल में दिए गए टैक्स प्रावधानों से आने वाले 10 वर्षों में $3.8 ट्रिलियन का घाटा बढ़ेगा, जबकि अन्य सेवाओं (जैसे Medicaid, फूड स्टैम्प्स) में कटौती से सिर्फ $1 ट्रिलियन की बचत होगी।
हाउस रिपब्लिकन नेताओं का दावा है कि आर्थिक विकास इन घाटों की भरपाई करेगा, लेकिन कई स्वतंत्र निगरानी समूहों का कहना है कि इससे घाटा और बढ़ेगा।
एलन मस्क द्वारा अमेरिकी सरकार (ट्रंप प्रशासन) से दूरी बनाने और अमेरिका में खर्च घटाने से जुड़े विधेयकों पर उनकी आलोचना का भारतीय अर्थव्यवस्था पर सीधा असर नहीं होगा, लेकिन अप्रत्यक्ष प्रभाव जरूर हो सकते हैं। आइए इसे सरल रूप से समझते हैं:
INDIA पर संभावित प्रभाव:
1. Tesla की भारत में एंट्री पर असर:
- मस्क का सरकार से हटना और Tesla पर ध्यान केंद्रित करना इस बात का संकेत हो सकता है कि Tesla भारत में तेजी से एंट्री ले सकती है।
- इससे भारत के EV (इलेक्ट्रिक व्हीकल) सेक्टर को तेज़ी मिल सकती है – नई नौकरियाँ, निवेश और तकनीकी ट्रांसफर।
2. अमेरिका में खर्च कटौती = भारत को मिलने वाली मदद में कटौती:
- अमेरिका द्वारा विदेशी सहायता में कटौती (जैसे NPR, PBS, विदेश नीति) का असर भारत जैसे विकासशील देशों पर हो सकता है।
- हालांकि भारत को अब ज़्यादा अमेरिकी सहायता नहीं मिलती, फिर भी कुछ शैक्षिक, स्वास्थ्य और रक्षा सहयोग कम हो सकते हैं।
3. वैश्विक बाजार में अस्थिरता:
- अमेरिका में बड़े सरकारी खर्च या कटौतियों के कारण डॉलर मजबूत या कमजोर हो सकता है।
- इसका असर भारत के रुपये की विनिमय दर, निर्यात-आयात और विदेशी निवेश पर पड़ सकता है।
4. स्टार्टअप और तकनीकी निवेश में दिशा बदलाव:
- एलन मस्क का फिर से पूरी तरह Tesla, SpaceX और AI कंपनियों पर ध्यान देना, भारतीय स्टार्टअप्स को सहयोग या निवेश मिलने की संभावनाएं बढ़ा सकता है, खासकर EV और स्पेस टेक्नोलॉजी के क्षेत्र में।
5. राजनीतिक दृष्टिकोण:
- ट्रंप की नीति और मस्क की आलोचना के बीच अमेरिका की आर्थिक रणनीति में बदलाव हो सकता है, जिससे भारत-अमेरिका व्यापार संबंधों में भी टकराव या सहयोग की नई शक्ल बन सकती है।
निष्कर्ष:
एलन मस्क का यह कदम सीधा भारतीय अर्थव्यवस्था पर असर नहीं डालेगा, लेकिन EV, टेक्नोलॉजी, विदेशी निवेश और भारत-अमेरिका संबंधों के ज़रिए इसके परोक्ष प्रभाव आ सकते हैं। अगर मस्क Tesla की भारत एंट्री को प्राथमिकता देते हैं, तो यह भारतीय अर्थव्यवस्था के लिए एक बड़ा पॉजिटिव संकेत होगा।