28 जनवरी को देवभूमि में यात्रा कर सकते हैं पीएम मोदी, इन स्थानों पर की चर्चा; क्या कारण है

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 28 जनवरी को देहरादून में 38वें राष्ट्रीय खेलों का उद्घा!टन करेंगे। उत्तराखंड को इस बार राष्ट्रीय खेलों की मेजबानी मिली है और इसे लेकर तैयारियां भी अंतिम चरण में पहुंच गई हैं। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने हाल में प्रधानमंत्री मोदी से मुलाकात कर उनसे राष्ट्रीय खेलों का उद्घाटन करने का आग्रह किया था। इसी के बाद से उनके आने की अटकलें जारी हैं।

देवभूमि उत्तराखंड से विशेष अनुराग रखने वाले प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी 28 जनवरी को देहरादून में 38वें राष्ट्रीय खेलों का उद्घाटन करने के बाद देहरादून या किसी शीतकालीन पर्यटन स्थल में रात्रि प्रवास कर सकते हैं।

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने हाल में अपनी दिल्ली यात्रा के दौरान प्रधानमंत्री को राज्य में शीतकालीन यात्रा शुरू किए जाने की जानकारी दी थी। साथ ही किसी शीतकालीन पर्यटन स्थल में प्रवास करने का आग्रह किया था। माना जा रहा है कि 28 जनवरी को वह हर्षिल अथवा किसी अन्य स्थल में रात्रि विश्राम के लिए जा सकते हैं।

उत्तराखंड को इस बार राष्ट्रीय खेलों की मेजबानी मिली है और इसे लेकर तैयारियां भी अंतिम चरण में पहुंच गई हैं। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने हाल में प्रधानमंत्री मोदी से मुलाकात कर उनसे राष्ट्रीय खेलों का उद्घाटन करने का आग्रह किया था। इसके साथ ही मुख्यमंत्री ने राज्य में शीतकालीन यात्रा व पर्यटन को लेकर उठाए गए कदमों की जानकारी भी प्रधानमंत्री को दी थी|

प्रधानमंत्री 28 जनवरी की शाम को राष्ट्रीय खेलों का उद्घाटन करेंगे। वह रात्रि विश्राम के लिए यहां रुकेंगे अथवा नहीं, यह तो प्रधानमंत्री का आधिकारिक कार्यक्रम मिलने के बाद ही स्पष्ट हो पाएगा, लेकिन उनके रात्रि प्रवास के मद्देनजर प्रशासनिक स्तर पर तैयारियां भी चल रही हैं। यद्यपि, तब दिल्ली विधानसभा चुनाव के दृष्टिगत प्रधानमंत्री की व्यस्तता भी रहेगी।

दस्तावेज़ ने बताया कि यदि प्रधानमंत्री 28 जनवरी को रात्रि भ्रमण करते हैं तो इस क्रम में हर्षिल के सुदूर बागोरी गांव सहित अन्य शीतकालीन स्थलों में विकल्प खुले में रखे गए हैं। बागोरी में तो हाल ही में राज्य सरकार के अधिकारियों के दल ने भी दौरा किया था।

38 वें राष्ट्रीय खेलों की तैयारियों का क्या है हाल

38 वें राष्ट्रीय खेलों के लिए अवस्थापना सुविधाओं के व्यापक विस्तार के बाद अब उनके दीर्घकालिक उपयोग को लेकर भी काम शुरू हो गया है। जहां-जहां खेल सुविधाएं बढ़ाते हुए आधारभूत ढांचे तैयार हो रहे हैं, वहां खेल अकादमी खोलने का प्रस्ताव तैयार किया जा रहा है। खेल विभाग के स्तर पर तैयार किए जा रहे लेगेसी पालिसी के ड्राफ्ट में खेल अकादमी के प्रस्ताव को शामिल किया जा रहा है। मंजूरी के लिए इसे जल्द ही शासन को भेजा जाएगा।

उत्तराखंड में खेलों के लिए इन दिनों व्यापक स्तर पर आधारभूत ढांचा तैयार किया जा रहा है। देश-विदेश से अत्याधुनिक उपकरण मंगाए गए हैं। कई खेल उपकरण अंतरराष्ट्रीय मानक वाले हैं। यह भी विचार किया जा रहा है कि राष्ट्रीय खेलों के बाद अवस्थापना सुविधाओं का संचालन किस तरह से किया जाएगा। रांची में राष्ट्रीय खेल समाप्त होने के बाद आधारभूत ढांचे का सही इस्तेमाल नहीं किया जा सका। नतीजतन, देखरेख के अभाव में महंगे उपकरण खराब हो गए। दूसरे राज्यों से सबक लेते हुए उत्तराखंड ने लेगेसी पालिसी के ड्राफ्ट पर भी तेजी से काम आरंभ कर दिया है।

एसोसिएशन के डायना प्रताप स्पोर्ट्स स्टेडियम और बैनामा से लेकर खटीमा, हरिद्वार, बस्तर सहित शहरों में गेम ए इंस्टीट्यूशन की सुविधाएं व्यापक स्तर पर उपलब्ध हैं। राष्ट्रीय खेलों के बाद इन स्थानों पर मानक एलसीडी और एसोसिएटेड टीमों के लिए खेल अकादमी को जरूरी माना जा रहा है। इसके साथ ही, खेल अकादमी शुरू होने के बाद खिलाड़ियों के लिए संबंधित खेलों में प्रशिक्षण लेने की सुविधा भी उपलब्ध होगी। विभाग को खेल अकादमी संचालित करने के लिए प्रशिक्षण और प्रबंधन से संबंधित मानव संसाधन की आवश्यकता है।

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