“शिलॉन्ग हनीमून मर्डर केस”

एक प्रेम कहानी से हत्या तक का रहस्यमयी सफर

मेघालय की खूबसूरत वादियों में एक नई शादीशुदा जोड़ी हनीमून पर निकली थी। वो जोड़ी थी इंदौर के बिजनेसमैन राजा रघुवंशी और उनकी पत्नी सोनम की।

11 मई को विवाह बंधन में बंधे इस जोड़े ने 20 मई को अपने हनीमून के लिए मेघालय की ओर रुख किया। लेकिन कोई क्या जानता था कि यह यात्रा प्रेम और साथ की नहीं, बल्कि एक साजिश और हत्या की दास्तान में बदल जाएगी।

23 मई को दोनों अचानक लापता हो गए और 2 जून को राजा रघुवंशी की लाश एक खाई में पाई गई। इस दिल दहला देने वाले मामले ने पूरे देश को झकझोर कर रख दिया।


मामले की शुरुआत: प्यार या प्लानिंग?

राजा और सोनम की शादी 11 मई को हुई थी। परिवार और दोस्तों के लिए यह एक खुशहाल शादी थी। लेकिन कुछ ही दिनों बाद, 20 मई को वे मेघालय की राजधानी शिलॉन्ग होते हुए सोहरा (चेरापूंजी) की ओर रवाना हुए। 22 मई को वे मावलाखियात गाँव पहुंचे और एक किराए की स्कूटी पर यात्रा की। लेकिन 23 मई को दोनों अचानक गायब हो गए। अगले दिन, यानी 24 मई को उनकी स्कूटी एक कैफे के बाहर लावारिस हालत में मिली, और तभी से उनकी खोज शुरू हुई।


मौत का खुलासा और गहराता शक

2 जून को राजा रघुवंशी की लाश वेसाडोंग फॉल्स के पास एक गहरी खाई में मिली। शरीर पर सोने की अंगूठी और चेन नहीं थी, जिससे यह शक और गहरा गया कि यह कोई लूट और हत्या का मामला है। एक दिन बाद पास से खून से सना हुआ धारदार हथियार मिला।

और फिर दो दिन बाद मावकमा गाँव से एक रेनकोट बरामद हुआ, जो उस जोड़ी के पास था।

इस क्रम में सबूत जुड़ते गए, और मामला केवल हादसे का नहीं, एक योजनाबद्ध हत्या का लगने लगा।


सच सामने आता है: पत्नी बनी साजिशकर्ता

जैसे ही मेघालय पुलिस ने अपनी जांच तेज की, मामला चौंकाने वाला मोड़ लेने लगा।

मेघालय की डीजीपी आई. नोंग्रांग ने बताया कि सोनम ने खुद उत्तर प्रदेश के गाज़ीपुर ज़िले के नंदगंज थाने में आत्मसमर्पण कर दिया।

उसके साथ तीन और हमलावरों को पुलिस ने गिरफ्तार किया, जिनमें से एक को यूपी से और दो को इंदौर से पकड़ा गया।

जांच में पता चला कि इन तीनों को सोनम ने अपने पति की हत्या के लिए पैसे देकर हायर किया था।


गवाह की गवाही: आखिरी बार किसने देखा था राजा को?

मावलाखियात गाँव के एक टूरिस्ट गाइड, अल्बर्ट पीडी, ने बताया कि उसने 23 मई की सुबह लगभग 10 बजे राजा और सोनम को तीन अन्य पुरुषों के साथ देखा था।

वे नोंग्रियाट से 3000 सीढ़ियां चढ़कर मावलाखियात की ओर जा रहे थे।

गाइड ने बताया कि उसने एक दिन पहले भी इस जोड़ी को अपनी सेवाएं ऑफर की थीं, लेकिन उन्होंने विनम्रता से मना कर दिया था और किसी अन्य गाइड को चुना था।

साथ ही, उन तीनों पुरुषों की भाषा हिंदी थी, जिससे ये स्पष्ट हुआ कि वे स्थानीय नहीं थे।


राजनीतिक प्रतिक्रिया और सीबीआई जांच की मांग

राजा रघुवंशी की हत्या की खबर जब पूरे देश में फैली, तो मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री मोहन यादव ने केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह से मामले की सीबीआई जांच कराने का आग्रह किया।

सोनम के पिता देवी सिंह रघुवंशी ने भी केंद्र सरकार से केस को सीबीआई को सौंपने की मांग की।

उन्होंने मेघालय पुलिस पर लापरवाही का आरोप लगाया और कहा कि अगर सेना को समय पर लगाया गया होता, तो दोनों को जिंदा पाया जा सकता था।


मुख्यमंत्री संगमा की सराहना और पुलिस की तत्परता

मेघालय के मुख्यमंत्री कॉनराड के संगमा ने सोशल मीडिया पर लिखा, “सिर्फ 7 दिनों में मेघालय पुलिस ने राजा मर्डर केस में एक बड़ा ब्रेकथ्रू हासिल किया है… 3 हमलावर मध्य प्रदेश से गिरफ्तार किए गए, महिला (पत्नी) ने सरेंडर किया और एक और आरोपी की तलाश जारी है… बहुत अच्छा काम।”

यह घटना एक बार फिर से इस बात को साबित करती है कि जब पुलिस संगठित और तत्पर तरीके से काम करती है, तो बड़े से बड़े अपराधों का पर्दाफाश संभव है।


जांच की दिशा और अगला कदम

इस मामले में अभी भी कुछ आरोपी फरार हैं, जिनकी तलाश मेघालय पुलिस की विशेष जांच टीम (SIT) द्वारा की जा रही है। SIT में एक एसपी और चार डीएसपी शामिल हैं। अभी तक मिले सबूतों से यह साफ हो चुका है कि यह हत्या सुनियोजित थी और इसमें पत्नी की केंद्रीय भूमिका रही है।


मानव रिश्तों की गिरती विश्वसनीयता

यह घटना केवल एक अपराध की कहानी नहीं है, बल्कि यह हमारे समाज के उस कड़वे सच को भी उजागर करती है, जहां विवाह जैसा पवित्र रिश्ता भी लालच, धोखा और साजिश का शिकार बन सकता है। एक ऐसा रिश्ता जो विश्वास पर टिका होता है, वहां अगर कोई पत्नी अपने ही पति की हत्या की साजिश रचती है, तो यह समाज के मूल्यों पर गहरी चोट है।


निष्कर्ष: क्या सीखें इस दर्दनाक घटना से?

  • रिश्तों में पारदर्शिता और भरोसे की जरूरत पहले से कहीं अधिक है।
  • पुलिस और प्रशासन को हर गुमशुदगी के मामले में त्वरित कार्रवाई करनी चाहिए।
  • शादी जैसे निजी निर्णयों में जल्दबाज़ी नहीं करनी चाहिए, खासकर तब जब आप सामने वाले को ठीक से नहीं जानते।
  • समाज को महिलाओं और पुरुषों दोनों की मानसिक स्थिति और उनके इरादों को समझने के लिए और अधिक सजग रहने की आवश्यकता है।

अंतिम शब्द

शिलॉन्ग की हसीन वादियों में हनीमून मनाने गई एक नई जोड़ी की यह यात्रा हत्या की खौफनाक दास्तान में बदल जाएगी, किसी ने सोचा भी नहीं था। राजा रघुवंशी की हत्या केवल एक व्यक्ति की मृत्यु नहीं, बल्कि भरोसे की हत्या है। उम्मीद है कि न्याय प्रक्रिया तेज़ी से चलेगी और सभी दोषियों को कड़ी सज़ा मिलेगी। साथ ही, यह घटना समाज को यह सोचने पर मजबूर करेगी कि क्या हम अब भी रिश्तों के मायने समझते हैं या सिर्फ दिखावे की दुनिया में जी रहे हैं?

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