
महाकुंभ का शुभारंभ हो चुका है। पौष पूर्णिमा पर सुबह 4 बजे से पहला स्नान चला। सरकारी आंकड़ों के मुताबिक, 44 घाटों पर पहले दिन 1 करोड़ 65 लाख श्रद्धालुओं ने डुबकी लगाई। भक्तों पर हेलिकॉटर से फूलों की वर्षा की गई। महाकुंभ 144 साल में दुर्लभ खगोलीय संयोग में हो रहा है। यह वही संयोग है, जो समुद्र मंथन के दौरान बना था।
देश के कोने-कोने से भक्त प्रयागराज आए हैं। पहले दिन भीड़ इतनी रही कि 3700 लोग अपनों से बिछड़ गए। बाद में खोया-पाया केंद्र से अनाउंसमेंट कर ज्यादातर लोगों को उनके परिवार वालों से मिलवाया गया। हेलिकॉप्टर और NSG कमांडो ने महाकुंभ में आए लोगों पर नजर रखी। विदेशी श्रद्धालु भी बड़ी तादाद में कुंभ में स्नान करने पहुंचे। प्रशासन के मुताबिक, जर्मनी, ब्राजील, रूस समेत 20 देशों से भक्त पहुंचे। आज से ही श्रद्धालुओं ने 45 दिन का कल्पवास शुरू कर दिया।
ब्राजील से आए श्रद्धालु फ्रांसिस्को ने कहा-” मैं योग का अभ्यास करता हूं। मोक्ष की खोज कर रहा हूं। भारत दुनिया का आध्यात्मिक हृदय है। जय श्रीराम।”
संगम पर एंट्री के सभी रास्तों पर रात में भी भक्तों की भीड़ है। वाहनों की एंट्री भी बंद है। श्रद्धालु बस और रेलवे स्टेशन से 10-12 किलोमीटर पैदल चलकर संगम पहुंच रहे हैं। 60 हजार जवान सुरक्षा-व्यवस्था संभाल रहे हैं। जगह-जगह कमांडो और पैरामिलिट्री फोर्स के जवान भी तैनात हैं।2 और बड़ी बातें…एपल के को-फाउंडर स्टीव जॉब्स की पत्नी लॉरेन पॉवेल जॉब्स महाकुंभ पहुंचीं। उन्होंने निरंजनी अखाड़े में अनुष्ठान किया। कल्पवास भी करेंगी।महाकुंभ को लेकर गूगल ने भी खास फीचर शुरू किया। महाकुंभ टाइप करते ही पेज पर वर्चुअल फूलों की बारिश हो रही है।

जानिए कुंभ मेला और कल्पवास में क्या संबंध है
कुंभ मेले में कल्पवास का बड़ा महत्व है। मान्यता है कि यहां किया गया तप हर पाप को नष्ट कर देता है और मोक्ष का मार्ग खोलता है। कल्पवास के दौरान श्रद्धालु पवित्र नदियों के संगम पर ध्यान, भजन और वेद पढ़कर समय बिताते हैं। सांसारिक मोह-माया से दूर, यहां भौतिक सुखों का त्याग कर दिव्य ऊर्जा से जुड़ने का प्रयास किया जाता है।कल्पवास करना उन लोगों के लिए बेहतर माना जाता है, जिन्होंने जीवन की जिम्मेदारियों से मुक्ति पा ली हो। युवा भी इसमें भाग ले सकते हैं। लेकिन, उन्हें तपस्या और संयम के लिए पूरी तरह समर्पित होना होगा।महाभारत और मत्स्यपुराण में कहा गया है कि जो लोग तप और भक्ति के साथ कल्पवास करते हैं, वे न केवल पाप से मुक्त होते हैं, स्वर्ग में भी स्थान पाते हैं।

प्रयागराज के महाकुंभ में श्रद्धालुओं की भीड़ लगातार बढ़ती जा रही है। चारों ओर सिर्फ भीड़ ही नजर आ रही है। ऐसे में मेला क्षेत्र में पुलिसकर्मी लगातार सीटी बजाकर भीड़ को नियंत्रित करने में जुटे हुए हैं। दैनिक भास्कर को पुलिस कर्मी ने बताया कि कैसे भीड़ मैनेज कर रहे हैं।