प्रयागराज में आईआईटी वाले बाबा के नाम से वायरल हुए अभय सिंह की जिंदगी का एक ऐसा पन्ना जिसको हर मां-बाप को पढ़ना चाहिए
प्रयागराज:संन्यास का रास्ता जीवन की कई राहों से होकर गुजरता है! प्रयागराज में सजे महाकुंभ में संन्यासियों से मिलते हुए यह बात आपसे कई बार टकराती है. महाकुंभ में एक बाबा की बड़ी चर्चा है. ये हैं IIT वाले बाबा अभय सिंह. IIT बॉम्बे से पढ़े अभय संन्यास के रास्ते पर क्यों चल पड़े? क्या संन्यासी वेश वाला यह युवक वाकई IIT से पासआउट है? उस IIT से जिसमें दाखिला लेना एक सपना होता है. कई सवाल हैं.
अभय सिंह ने बातों बातों में अपने संन्यास के पीछे का वह दर्द बताया, जिसमें हर मां-बाप के लिए एक सीख छिपी है. एक होनहार बच्चे का दिल मां-बाप के रोज के झगड़े से कैसे दुनिया से उचट गया, अभय की जिंदगी की यह कहानी है.
‘मैं स्कूल से आने पर सोता और रात में पढ़ता था’
इसके बाद भी आईआईटी कैसे निकाल लिया? इस सवाल पर अभय अपने स्कूली दिनों को याद करते हैं. वह कहते हैं, ‘मैंने साधना की. मैं सोचता था कि मोहमाया में न ही पड़ूं. मैं स्कूल से आने के बाद दिन में सो जाता था. उसके बाद रात 12 बजे उठता था. जब कोई लड़ाई करने वाला नहीं होता था तो मैं पढ़ता. लेकिन मेरे जीवन में यह दर्द इकट्ठा होता चला गया. एक बच्चे के तौर पर आप हेल्पलेस हो जाते हो. आपको पता ही नहीं होता है कि कैसे रिएक्ट किया जाए.तब एक बच्चे की न तो समझ डिवेलप हुई होती है. उसे कुछ समझ नहीं आता कि कैसे रिएक्ट किया जाए’

मैं गर्लफ्रेंड से रिश्ता तोड़ दिया‘
अभय बताते हैं कि बालमन पर पड़े इस असर ने उनकी जिंदगी की दिशा बदल डाली. वह कहते हैं इसी डर से उन्होंने शादी नहीं की. वह बताते हैं, ‘मुझे ऐसा लगता था कि ऐसे ही लड़ाई झगड़ा करना है तो इससे अच्छा है कि अकेले ही जियो. अभय बताते हैं कि उनकी गर्लफ्रेंड भी थी. लेकिन उन्हें पता ही नहीं था, कि इसको कैसे निभाया जाए. मैंने एक फिल्म बनाई और मेरी बचपन की सारी यादें फिर ताजा हो गईं. फिर मैंने वह रिश्ता खत्म कर दिया. मैं फिलिंगलेस हो गया था.’
