“जब यकीन हो खुद पर, तो हार भी जीत लगती है”

“मैं अपनी भावनाओं को शब्दों में बयां नहीं कर पा रहा हूँ। मैं बस वर्तमान पल में रहने की कोशिश कर रहा था। जब विराट आउट हुए, तो मेरा पहला विचार यही था कि मैच को आखिरी तक ले जाना है — यही मेरी मेंटोर दिनेश कार्तिक हमेशा कहते हैं। वो मुझसे कहते हैं कि मेरे अंदर जो काबिलियत है, उससे मैं किसी भी स्थिति में मैच फिनिश कर सकता हूँ।

फाइल फोटो ESPN SPORTS

यह एक बड़ी फ्रेंचाइज़ी है और मैं इस दबाव का आनंद ले रहा हूँ। विराट, क्रुणाल और भुवी जैसे दिग्गजों के साथ खेलना गर्व की बात है।

हम इस जीत का जश्न मनाएंगे और इसे अगले मैच में भी जारी रखने की कोशिश करेंगे। रजत को धन्यवाद, जिन्होंने मुझे इस ज़िम्मेदारी के काबिल समझा।

हेज़लवुड के फिट होने की खबर अच्छी है। हमारी टीम में हर खिलाड़ी मैच-विनर है और हम हमेशा वापसी में यकीन रखते हैं — यही हमारी ताक़त है।

जितेश शर्मा की पारी पर दुष्यंत कुमार की ये पंक्तिया सटीक बैठती हैं

इस नदी की धार में ठंडी हवा आती तो है
नाव जर्जर ही सही, लहरों से टकराती तो है।
एक चिनगारी कहीं से ढूँढ लाओ दोस्तों
इस दिए में तेल से भीगी हुई बाती तो है।

“जब कप्तान बना तूफान: जितेश शर्मा की ऐतिहासिक जीत की कहानी”

आईपीएल 2025 का आखिरी लीग मैच…
लखनऊ का मैदान, दर्शकों की आवाज़ें गूंज रही थीं, और सामने खड़ी थी 228 रनों की विशाल चुनौती।

लखनऊ सुपर जायंट्स ने ऋषभ पंत की विस्फोटक 118 रनों की पारी से स्कोरबोर्ड पर आग लगा दी। 227/5 — एक स्कोर जिसे चेज़ करना किसी सपने जैसा था।

RCB की पारी शुरू हुई भरोसे के साथ, लेकिन जल्द ही तूफान आया।
8वें ओवर तक 123/4 का स्कोर। राजत पाटीदार और लियाम लिविंगस्टोन दोनों पवेलियन लौट चुके थे। टीम को जीत के लिए चाहिए थे 105 रन — और सामने था दबाव का पहाड़।


तभी मैदान पर आए स्टैंड-इन कप्तान, जितेश शर्मा।

33 गेंदों में नाबाद 85 रन।
8 चौके।
6 छक्के।
और एक इरादा — “अब यह मैच हमारा है।”

मयंक अग्रवाल (41*) के साथ मिलकर जितेश ने 107 रनों की अटूट साझेदारी की।
हर बॉल के साथ जोश बढ़ता गया, और आखिरकार 18.4 ओवर में RCB ने वह कर दिखाया जो किसी ने सोचा भी नहीं था — 228 रन का पीछा पूरा किया।

मैच में एक और मोड़ आया — डिग्वेश राठी ने जितेश को मांकड करने की कोशिश की।
सांसें थमीं, लेकिन अंपायर ने नॉट आउट का इशारा किया।
यही वो पल था जिसने जितेश को और ज़्यादा आक्रामक बना दिया।

RCB बनी इतिहास रचने वाली पहली टीम जिसने एक सीज़न में सभी 7 अवे मैच जीते।
और जितेश शर्मा?
वो न सिर्फ़ कप्तान थे, बल्कि इस ऐतिहासिक जीत के हीरो भी।

RCB

“जब हालात मुश्किल हो, तो लीडर खड़ा होता है। और कल रात, RCB को उसका असली लीडर मिल गया — जितेश शर्मा।

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